बुमराह के पांच शिकार पर बोले तेंदुलकर: नो-बॉल और छूटे कैच ने रोके 9 विकेट
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भारत बनाम इंग्लैंड: बुमराह की धारदार गेंदबाज़ी, तेंदुलकर ने फील्डिंग पर जताई चिंता
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जसप्रीत बुमराह के रिकॉर्ड स्पेल पर सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया ने खींचा ध्यान
बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ लिया पांच विकेट, कपिल देव के रिकॉर्ड की बराबरी की
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सचिन तेंदुलकर ने की प्रशंसा लेकिन फील्डिंग चूकों पर भी जताई खेद
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भारत को मिली 6 रनों की बढ़त, तीसरे दिन बारिश ने डाला खेल पर असर
बुमराह की पांच विकेट की शानदार गेंदबाज़ी के बाद जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी, तो न केवल प्रशंसा मिली बल्कि उन्होंने भारतीय फील्डिंग पर गंभीर संकेत भी दिए। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने अपनी घातक गेंदबाज़ी का परिचय देते हुए पांच विकेट चटकाए और भारत को पहली पारी में इंग्लैंड को 465 रन पर समेटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में विदेशी सरजमीं पर सर्वाधिक पांच बार पांच विकेट लेने के मामले में कपिल देव की बराबरी कर ली है। हालांकि, बुमराह का यह प्रदर्शन और अधिक ऐतिहासिक बन सकता था यदि भारतीय फील्डरों ने उनके साथ न्याय किया होता।
बुमराह के स्पेल में कुल चार कैच छूटे, जिनमें से तीन यशस्वी जायसवाल और एक रविंद्र जडेजा से छूटा। इसके अतिरिक्त, एक नो-बॉल भी बुमराह को भारी पड़ी जब उनकी गेंद पर हैरी ब्रूक का कैच आउट हुआ, लेकिन नो-बॉल के चलते बल्लेबाज को जीवनदान मिल गया। ब्रूक ने इन अवसरों का लाभ उठाते हुए 99 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होंने भारत पर दबाव बनाकर मैच की दिशा बदलने में योगदान दिया। बुमराह की ओर से लिए गए पांच विकेटों में जैक क्रॉली, बेन डकेट, जो रूट, क्रिस वोक्स और जोश टंग शामिल थे। इन बल्लेबाजों के विकेट निकालना आसान नहीं था, लेकिन बुमराह ने अपनी तेजी और नियंत्रण के दम पर यह कर दिखाया।
इस बीच, सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर बुमराह को बधाई देते हुए लिखा, "बधाई हो बुमराह! एक नो-बॉल और 3 मिस्ड चांस आपके और नऊ विकेट के बीच खड़े रहे।" तेंदुलकर का यह बयान स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि बुमराह का प्रदर्शन और भी विशिष्ट बन सकता था, यदि मैदान पर उन्हें पर्याप्त समर्थन मिला होता। यह टिप्पणी भारतीय फील्डिंग की स्थिति पर भी अप्रत्यक्ष आलोचना मानी जा रही है, जिसमें कई अहम मौके भारत के हाथ से फिसल गए।
भारत के गेंदबाज़ों ने हालांकि इंग्लैंड की पारी को 465 रनों पर सीमित करके संतोषजनक काम किया, लेकिन कैच छोड़ने और नो-बॉल जैसी छोटी चूकें विपक्षी टीम को भारी रन जोड़ने का अवसर दे गईं। अगर ये अवसर हाथ से न जाते, तो इंग्लैंड का स्कोर और भी नीचे रह सकता था। उल्लेखनीय है कि तीसरे दिन के खेल में बारिश ने खलल डाला और खेल समय से पहले समाप्त कर दिया गया। इस समय तक भारत ने अपनी दूसरी पारी में 23.5 ओवर में दो विकेट पर 90 रन बना लिए थे और कुल 96 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी। क्रीज पर केएल राहुल 47 रन और शुभमन गिल 6 रन बनाकर डटे हुए हैं। भारत की निगाहें अब मजबूत बढ़त हासिल करने पर टिकी होंगी, जिससे चौथे दिन मैच पर पकड़ मजबूत की जा सके।
क्रिस वोक्स, जिन्होंने 38 रनों की तेज पारी खेली, ने इंग्लैंड को 471 रनों के करीब पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। वह अंतिम क्षणों में तेजी से रन जोड़कर भारत पर दबाव बनाने में सफल रहे, हालांकि भारतीय गेंदबाज़ों ने अनुशासित प्रदर्शन जारी रखा। प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने भी सहयोगी भूमिका निभाई, परंतु बुमराह का स्पेल सबसे अधिक प्रभावशाली रहा।
बुमराह का यह प्रदर्शन केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय गेंदबाजी इकाई के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला भी रहा है। लीड्स के मैदान पर परिस्थितियाँ बल्लेबाज़ों के लिए अनुकूल मानी जाती हैं, ऐसे में पांच विकेट निकालना विशेष उपलब्धि है। बुमराह की गेंदबाजी में गति, सटीकता और स्विंग का अद्वितीय संयोजन देखने को मिला, जिसने कई बार बल्लेबाजों को असमंजस में डाला। खासतौर पर जो रूट और क्रिस वोक्स जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को जिस तरह बुमराह ने आउट किया, वह उनकी तकनीकी दक्षता का परिचायक है।
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Photo-ESPNcricinfo Ltd |
अभी तक के मैच में भारत का प्रदर्शन संतुलित रहा है। शुरुआती विकेट जल्दी गंवाने के बावजूद केएल राहुल का संयमित खेल टीम को स्थायित्व प्रदान कर रहा है। शुभमन गिल की भूमिका भी अगले दिन निर्णायक हो सकती है। चौथे दिन यदि भारत 250 से अधिक की बढ़त हासिल कर पाता है, तो इंग्लैंड पर दबाव बढ़ेगा और यह मुकाबला भारत के पक्ष में निर्णायक हो सकता है।
समाप्ततः यह कहा जा सकता है कि जसप्रीत बुमराह का लीड्स टेस्ट में प्रदर्शन उनके करियर के एक और चमकते अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा। उनके प्रयासों ने एक बार फिर भारतीय तेज गेंदबाज़ी की ताकत को सिद्ध किया है। वहीं सचिन तेंदुलकर की टिप्पणी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्कृष्टता के स्तर को बनाए रखने के लिए मैदान पर प्रत्येक खिलाड़ी की जिम्मेदारी होती है। आने वाले दिनों में भारत की यही उम्मीद होगी कि बुमराह के प्रदर्शन को बाकी खिलाड़ी भी अपने क्षेत्र में दोहराएं और टीम को जीत की दिशा में अग्रसर करें।
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