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मुंबई विद्यापीठ में डॉ संदेश वाघ का "डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समाजभूषण राज्यस्तरीय पुरस्कार" हेतु सत्कार

 


  • मुंबई विद्यापीठ में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती महोत्सव का आयोजन
  • कुलगुरु डॉ. रवींद्र कुलकर्णी ने किया डॉ. संदेश वाघ का सम्मान
  • मागासवर्गीय कर्मचारी संघटना, शैक्षणिक कर्मचारी कल्याणकारी संघटना और आदिवासी एम्पलाईज फेडरेशन का संयुक्त प्रयास

मुंबई: मुंबई विद्यापीठ के परिसर में हाल ही में एक गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महामाता रमाई की संयुक्त जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह महत्वपूर्ण आयोजन मुंबई विद्यापीठ मागासवर्गीय कर्मचारी संघटना, शैक्षणिक कर्मचारी कल्याणकारी संघटना, और ऑल इंडिया आदिवासी एम्पलाईज फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसने समाज में समरसता और समानता के संदेश को सुदृढ़ किया।

डॉ संदेश वाघ को यशवंत राव चव्हाण सेंटर में 10 जून को  "डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समाजभूषण राज्यस्तरीय पुरस्कार" से सम्मानित किया गया, जो उनके सामाजिक योगदान और समर्पण का एक प्रमाण है। यह सम्मान डॉ. वाघ द्वारा समाज के उत्थान, विशेष रूप से वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए किए गए अथक प्रयासों की पहचान है, और यह दर्शाता है कि विद्यापीठ न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक सरोकारों को भी महत्व देता है।

यह कार्यक्रम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन और उनके आदर्शों को याद करने का एक सशक्त माध्यम बना। डॉ. आंबेडकर ने अपना जीवन सामाजिक न्याय, समानता और सभी के लिए मानवीय गरिमा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित कर दिया था। उनकी जयंती का यह संयुक्त उत्सव न केवल उनके योगदान को याद करता है, बल्कि उनके सिद्धांतों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने और उन्हें अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है। महामाता रमाई आंबेडकर, जिन्होंने डॉ. आंबेडकर के संघर्ष में उनका साथ दिया और विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और साहस का परिचय दिया, उन्हें भी इस अवसर पर श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। उनका जीवन भी त्याग और समर्पण का प्रतीक है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।

इस समारोह में विद्यापीठ के वरिष्ठ अधिकारीगण, विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, शोधार्थी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सभी ने मिलकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और रमाई आंबेडकर के आदर्शों को नमन किया। कुलगुरु डॉ. रवींद्र कुलकर्णी ने अपने संबोधन में डॉ. आंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर का दृष्टिकोण केवल एक वर्ग विशेष तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक ऐसे समाज की कल्पना करते थे जहाँ हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान मिले। डॉ. कुलकर्णी ने डॉ. संदेश वाघ को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनके अनुकरणीय कार्यों का प्रतिफल है और यह दूसरों को भी समाज सेवा के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विद्यापीठ हमेशा ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करता रहेगा जो सामाजिक न्याय और समानता के मूल्यों को आगे बढ़ाते हैं।

आयोजक संगठनों - मुंबई विद्यापीठ मागासवर्गीय कर्मचारी संघटना, शैक्षणिक कर्मचारी कल्याणकारी संघटना, और ऑल इंडिया आदिवासी एम्पलाईज फेडरेशन - ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन संगठनों का उद्देश्य कर्मचारियों और समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए काम करना है। यह संयुक्त आयोजन उनकी एकता और सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल डॉ. आंबेडकर और रमाई आंबेडकर के योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने में भी सहायक होते हैं। डॉ. संदेश वाघ को मिला यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों को मान्यता देता है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनता है जो सामाजिक परिवर्तन और उत्थान के लिए कार्यरत हैं।

इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके शिक्षा संबंधी विचारों, संविधान निर्माण में उनकी भूमिका और दलित उत्थान के लिए उनके संघर्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार डॉ. आंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में भी शिक्षा ग्रहण की और अपने ज्ञान का उपयोग समाज को सशक्त करने के लिए किया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिन्होंने डॉ. आंबेडकर के संदेशों को कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को भावुक किया और उन्हें डॉ. आंबेडकर के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। यह समारोह एक प्रकार से सामाजिक समरसता और एकजुटता का प्रतीक बन गया, जहाँ सभी ने मिलकर एक बेहतर और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण का संकल्प लिया।

कुल मिलाकर, मुंबई विद्यापीठ में आयोजित यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महामाता रमाई संयुक्त जयंती महोत्सव एक सफल और प्रेरणादायक कार्यक्रम रहा। डॉ. संदेश वाघ का सम्मान और कुलगुरु डॉ. रवींद्र कुलकर्णी का संबोधन, दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यक्रम इस बात का भी प्रमाण है कि मुंबई विद्यापीठ एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान होने के नाते, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभा रहा है और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार के आयोजन न केवल महान हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को उनके पदचिह्नों पर चलने और एक समतावादी समाज के निर्माण में अपना योगदान देने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

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