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विक्रोली ROB आज से यातायात के लिए खुला, सात साल बाद मिला पूर्व-पश्चिम संपर्क मार्ग


फोटो :  सोशल मीडिया


मुंबई को मिला नया रोड ओवर ब्रिज, 615 मीटर लंबा विक्रोली ROB हुआ चालू

बीएमसी ने पूरा किया बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट, विक्रोली ब्रिज से बचेगा 30 मिनट का समय

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर बिना उद्घाटन पुल चालू

₹105 करोड़ की लागत से बना 615 मीटर लंबा ब्रिज मानसून से पहले शुरू

मुंबई। मुंबई के उपनगर विक्रोली में वर्षों से प्रतीक्षित रोड ओवर ब्रिज (ROB) को अंततः शनिवार को यातायात के लिए खोल दिया गया, जिससे पूर्व और पश्चिम मुंबई को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के सुचारू संचालन की शुरुआत हो गई। यह पुल, जो विक्रोली वेस्ट में लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ता है, अब घाटकोपर, विक्रोली और पवई जैसे प्रमुख इलाकों के लाखों यात्रियों को लाभ पहुंचाएगा। बिना किसी औपचारिक उद्घाटन के चालू किया गया यह ब्रिज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस निर्णय का परिणाम है जिसमें उन्होंने मानसून की शुरुआत से पहले पुल का संचालन सुनिश्चित करने का आदेश बीएमसी को दिया था। लगभग ₹105 करोड़ की लागत से निर्मित और 615 मीटर लंबा यह ब्रिज ट्रैफिक समय में औसतन 30 मिनट की बचत करेगा। इस पुल की योजना सबसे पहले वर्ष 1997 में बनाई गई थी, जब रेलवे क्रॉसिंग पर लगातार बढ़ रहे दबाव के चलते इस क्षेत्र में एक वैकल्पिक मार्ग की आवश्यकता महसूस की गई। शुरुआती वर्षों में यह योजना कागजों तक ही सीमित रही, किन्तु अप्रैल 2018 में बीएमसी द्वारा ₹45 करोड़ के अनुमानित बजट के साथ इस परियोजना की आधारशिला रखी गई। कार्य प्रारंभ होने के बाद विभिन्न तकनीकी, प्रशासनिक और स्थलगत अड़चनों के कारण इसकी लागत बढ़ती गई और अनुमानित मूल्य ₹105 करोड़ तक पहुंच गया। निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण हटाने, पेड़ों की कटाई, बिजली और संचार लाइनों के स्थानांतरण जैसे अनेक अवरोध सामने आए।

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने इस परियोजना में हुई देरी को अनुचित योजना और प्रशासनिक कुप्रबंधन का परिणाम बताया था। हालांकि बीएमसी अधिकारियों ने इसके उत्तर में तकनीकी जटिलताओं और बाह्य कारकों को कारण बताया। तकनीकी दृष्टि से यह पुल खुले-वेब गर्डर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें कुल 19 स्पैन शामिल हैं—12 पूर्वी और 7 पश्चिमी दिशा में। लगभग 50 मीटर का भाग रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरता है और शेष बीएमसी के अंतर्गत आता है। इस पुल के निर्माण में कई विशेष प्रकार के गर्डर्स का प्रयोग किया गया, जिन्हें फैक्ट्री में तैयार कर स्थल पर स्थापित किया गया। पुल के दोनों ओर संपर्क मार्गों को भी समान स्तर पर विकसित किया गया है, जिसमें ध्वनि अवरोधक, एंटी-क्रैश बैरियर, संकेतक बोर्ड, स्पीड ब्रेकर, कैट-आईज़, और दिशा सूचक बोर्ड जैसी सभी यातायात संबंधित संरचनाएं शामिल हैं। बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि पुल पर सभी सुरक्षा परीक्षण जैसे भार परीक्षण, स्थायित्व प्रमाणन तथा रोड मार्किंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त द्वारा बुधवार को निरीक्षण कर पुल को चालू करने की अनुमति भी दे दी गई। साथ ही, पश्चिमी छोर पर एक ट्रैफिक बे (विश्राम स्थल) भी विकसित किया गया है, जिससे वाहन चालक आवश्यकता अनुसार रुक सकें।


फोटो- सोशल मीडिया

स्थानीय विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता गणेश शेट्टी, जो 2002 से इस पुल के लिए संघर्षरत रहे हैं,  इस पुल को जनता को समर्पित किए जाने को एक अहम उपलब्धि बताया। उन्होंने बताया कि हालांकि ब्रिज चालू हो चुका है, लेकिन टैगोर नगर, कन्नमवार नगर, एलबीएस मार्ग और विक्रोली वेस्ट की आंतरिक सड़कों के संकीर्ण होने से ट्रैफिक जाम की समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं होगी जब तक कि उनके चौड़ीकरण का कार्य समय रहते नहीं किया जाता। ट्रैफिक विशेषज्ञों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि आंतरिक मार्गों की स्थिति में सुधार के बिना पुल पर आने-जाने वाला ट्रैफिक आसपास के क्षेत्रों में दबाव बढ़ा सकता है। हालांकि बीएमसी अधिकारियों ने यह भी बताया कि एलबीएस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर, छह ट्रैफिक सिग्नल और अन्य सुरक्षा उपाय पूरे किए गए हैं, जिससे वाहनों की गति नियंत्रित रहे और किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। पुल की कुल चौड़ाई 12 मीटर रखी गई है जिसमें चार लेन हैं—दो पूर्व और दो पश्चिम की दिशा में।

 यह ब्रिज घाटकोपर, पवई और विक्रोली के नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आया है, जो पहले रोजाना रेलवे क्रॉसिंग और संकरी गलियों में फंसकर घंटों समय गंवाते थे। इस पुल के चालू होने से न केवल इन क्षेत्रों में आवाजाही आसान होगी बल्कि ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और एलबीएस मार्ग के बीच ट्रैफिक का दबाव भी संतुलित होगा। इस परियोजना के पूर्ण होने के साथ ही बीएमसी ने यह संकेत दिया है कि आने वाले समय में मुंबई के अन्य लंबित ओवर ब्रिजों को भी समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाएगा, जिससे शहर की यातायात प्रणाली और अधिक संगठित और सुगम हो सके। अंततः, वर्षों की देरी, तकनीकी बाधाओं और योजनागत जटिलताओं के बाद विक्रोली रोड ओवर ब्रिज का संचालन शुरू हो गया है, जो न केवल एक संरचनात्मक उपलब्धि है बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए राहत का एक बड़ा माध्यम भी बनकर उभरा है। आगामी मानसून के मद्देनज़र इस पुल का आरंभ, सरकार और प्रशासन के प्रयासों की समयबद्ध प्रतिक्रिया को दर्शाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि इस सुविधा से न केवल यात्रा में समय की बचत होगी, बल्कि सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन को भी नया आयाम प्राप्त होगा।





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