Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

उत्तर प्रदेश से मुंबई तक गांजा तस्करी: कल्याण में दो तस्कर पकड़े गए

 

फोटो- सोशल मीडिया

 रेलवे स्टेशन पर पुलिस की सतर्कता

कल्याण: कल्याण रेलवे स्टेशन एक बार फिर चर्चा में है। इस बार कारण है लोहमार्ग पुलिस की गुप्त शाखा यूनिट-3 की एक बड़ी कार्रवाई, जिसमें दो युवकों को भारी मात्रा में गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया। यह घटना 18 जून 2025 को दोपहर करीब 3 बजे की है, जब पुलिस को एक एक्सप्रेस ट्रेन में दो संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों की सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने न केवल तस्करों को पकड़ा, बल्कि उनके पास से 20.869 किलोग्राम गांजा भी बरामद किया, जिसकी अनुमानित कीमत 4,17,360 रुपये है। यह कार्रवाई नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ पुलिस की सतर्कता और दृढ़ता का एक स्पष्ट उदाहरण है।

कार्रवाई का विवरण: गुप्त सूचना और त्वरित प्रतिक्रिया

लोहमार्ग पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक एक्सप्रेस ट्रेन, जो उत्तर प्रदेश से मुंबई की ओर आ रही थी, में दो संदिग्ध व्यक्ति भारी मात्रा में मादक पदार्थ लेकर यात्रा कर रहे हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए, लोहमार्ग पुलिस की यूनिट-3 ने कल्याण रेलवे स्टेशन पर एक विशेष अभियान शुरू किया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रोहित सातपुते के नेतृत्व में पुलिस टीम ने स्टेशन पर सघन निगरानी शुरू की और संदिग्धों की पहचान के लिए ट्रेन के डिब्बों की जांच की।

दोपहर करीब 3 बजे, जब ट्रेन कल्याण स्टेशन पर रुकी, पुलिस ने दो व्यक्तियों को संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर हिरासत में लिया। इनकी पहचान कानपुर निवासी अहमद इरशाद अली (35 वर्ष) और बुलंदशहर निवासी अहमद अमीन खान (27 वर्ष) के रूप में हुई। दोनों के बैग की तलाशी लेने पर पुलिस को 20.869 किलोग्राम गांजा मिला, जो कई पैकेटों में सावधानीपूर्वक छिपाया गया था। बरामद गांजे की कीमत स्थानीय बाजार में लगभग 4,17,360 रुपये आंकी गई है।

पूछताछ और खुलासा: तस्करी का नेटवर्क

हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं। अहमद इरशाद अली और अहमद अमीन खान ने स्वीकार किया कि वे यह गांजा उत्तर प्रदेश के कल्याणपुर क्षेत्र से लाए थे और उनकी योजना इसे मुंबई के विभिन्न हिस्सों में बेचने की थी। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि दोनों तस्कर इस अवैध कारोबार में पहले से ही सक्रिय थे और संभवतः एक बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हैं।

लोहमार्ग पुलिस आयुक्त मनीष पाटील ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, "हमारी टीम अवैध मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह कार्रवाई हमारी सतर्कता और गुप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई की क्षमता को दर्शाती है। हम इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं और जल्द ही इस रैकेट का पूरी तरह से खुलासा करेंगे।"

कानूनी कार्रवाई और जांच का दायरा

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की धारा 8, 20 और 29 के तहत मामला दर्ज किया है। यह धाराएं मादक पदार्थों की तस्करी, उनके अवैध कब्जे और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं। दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस अब इस तस्करी रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि यह गांजा उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों से मुंबई जैसे बड़े शहरों में सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं और क्या इसमें अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी हैं। इसके लिए, पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन और अन्य सामान की जांच शुरू कर दी है, ताकि उनके संपर्कों और आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाया जा सके।

सामाजिक प्रभाव: नशे का बढ़ता खतरा

गांजा जैसे मादक पदार्थों की तस्करी समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। विशेष रूप से युवाओं में नशे की लत बढ़ने की खबरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। कल्याण जैसे व्यस्त रेलवे स्टेशन, जो रोजाना हजारों यात्रियों की आवाजजाही का केंद्र है, तस्करों के लिए एक सुविधाजनक स्थान बन सकता है। इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस की यह कार्रवाई न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश भी देती है कि अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

हाल के वर्षों में, मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े शहरों में मादक पदार्थों की मांग और आपूर्ति के बीच एक जटिल नेटवर्क काम कर रहा है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस को न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भी समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है।

पुलिस की रणनीति: सतर्कता और तकनीक का उपयोग

लोहमार्ग पुलिस की इस कार्रवाई में गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। रेलवे स्टेशनों पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग बढ़ाया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों के नेटवर्क को भी मजबूत किया है, जो ऐसी अवैध गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करते हैं।

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रोहित सातपुते ने कहा, "हमारी यूनिट दिन-रात नशे के कारोबार पर नजर रख रही है। रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर तस्करी को रोकना हमारी प्राथमिकता है। इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।"

भविष्य की दिशा: तस्करी पर अंकुश लगाने की चुनौती

यह कार्रवाई भले ही एक बड़ी सफलता हो, लेकिन यह मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या का केवल एक हिस्सा है। पुलिस के सामने चुनौती है कि इस तरह के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म किया जाए। इसके लिए, न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई, बल्कि सामाजिक जागरूकता और पुनर्वास कार्यक्रमों की भी आवश्यकता है।

कल्याण रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पुलिस और प्रशासन की सतर्कता से अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही, यह समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि नशे का कारोबार न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी नष्ट करता है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ