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महाराष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: 50,000 से अधिक एनसीसी कैडेटों ने एक साथ किया योग, राज्यभर में ऐतिहासिक स्थलों और संस्थानों में हुआ भव्य योग समारोह

 

फोटो- सोशल मीडिया

21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र में एक ऐतिहासिक और अनुशासित आयोजन का साक्षी बना, जब राज्यभर में एक साथ 50,000 से अधिक एनसीसी कैडेटों ने योग अभ्यास में भाग लेकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस आयोजन को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) निदेशालय महाराष्ट्र द्वारा समन्वित रूप से संचालित किया गया, जिसमें अधिकारियों, एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों (एएनओ) और नागरिक कर्मचारियों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई।


सभी जिलों में समन्वित आयोजन

इस विशेष दिवस पर महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले में सामूहिक योग सत्र आयोजित किए गए। आयोजन स्थल के रूप में प्रमुख सार्वजनिक स्थानों, ऐतिहासिक किलों, उच्च शिक्षण संस्थानों, एनसीसी इकाइयों और प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया गया था। इसका उद्देश्य न केवल योग का अभ्यास करना था, बल्कि इसके माध्यम से युवाओं में स्वास्थ्य, अनुशासन और मानसिक संतुलन जैसे मूल्यों को भी प्रोत्साहित करना था।


योग अभ्यास के लिए अपनाया गया सामान्य योग प्रोटोकॉल

सभी योग सत्रों में भाग लेने वाले कैडेटों और अधिकारियों ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विभिन्न योगासन किए। इन अभ्यासों में ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, शवासन, और प्राणायाम जैसी विधियां शामिल थीं। इन सत्रों का नेतृत्व प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों और एएनओ ने किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि सभी आसनों का अभ्यास वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीके से किया जाए।


नेतृत्व से मिला प्रेरणा स्रोत

महाराष्ट्र एनसीसी निदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक, विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) से सम्मानित मेजर जनरल योगेंद्र सिंह ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “योग न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि यह मानसिक शांति और अनुशासन का भी विकास करता है। यही मूल्य एनसीसी प्रशिक्षण के केंद्र में हैं। आज हमारे कैडेटों की सामूहिक भागीदारी यह दर्शाती है कि वे न केवल एक स्वस्थ नागरिक बनने की दिशा में अग्रसर हैं, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझते हैं।”

विचारशील थीम: "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य"

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वैश्विक थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थी, जो यह संदेश देती है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य ही सामूहिक और वैश्विक स्वास्थ्य की कुंजी है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र में हुआ यह आयोजन अत्यंत उपयुक्त और प्रेरणास्पद रहा, क्योंकि इसमें युवाओं को न केवल योग के लाभों से परिचित कराया गया, बल्कि उन्हें पर्यावरणीय और सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर भी जागरूक किया गया।


योग के माध्यम से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण

एनसीसी, एक प्रमुख युवा संगठन होने के नाते, हमेशा से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त नागरिकों के निर्माण की दिशा में अग्रसर रहा है। इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध किया कि एनसीसी कैडेट न केवल अनुशासन और नेतृत्व का प्रतीक हैं, बल्कि वे समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाने वाले प्रेरक भी हैं। योग जैसे अभ्यास के माध्यम से उनमें शांति, सहिष्णुता और आत्मनियंत्रण जैसे मूल्य विकसित किए जा रहे हैं, जो लोकतांत्रिक और प्रगतिशील भारत के लिए अनिवार्य हैं।

स्थानीय सहभागिता और जागरूकता

इस योग दिवस कार्यक्रम में स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों, और नागरिक समाज की भी सराहनीय सहभागिता देखी गई। कई जिलों में एनसीसी इकाइयों ने स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए योग सत्रों को सामुदायिक कार्यक्रम का रूप दिया, जिससे आम नागरिकों को भी योग से जोड़ने में मदद मिली। यह समावेशी दृष्टिकोण युवाओं को नेतृत्व की वास्तविक भूमिका में लाने का अवसर भी प्रदान करता है।


युवाओं की शक्ति, योग के माध्यम से

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महाराष्ट्र में एनसीसी द्वारा किया गया यह समन्वित आयोजन न केवल एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम था, बल्कि यह युवाओं में समग्र विकास के प्रति विश्वास का भी प्रतीक था। 50,000 से अधिक कैडेटों की अनुशासित भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब युवा संगठित और प्रेरित होते हैं, तो वे सामाजिक परिवर्तन की एक सशक्त शक्ति बन सकते हैं।

इस आयोजन ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि योग केवल व्यक्तिगत अभ्यास नहीं, बल्कि यह सामूहिक स्वास्थ्य, अनुशासन और नेतृत्व का एक सशक्त माध्यम है। एनसीसी निदेशालय महाराष्ट्र की यह पहल न केवल स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में अनुकरणीय रही, बल्कि यह भविष्य के जिम्मेदार नागरिकों को आकार देने की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास भी सिद्ध हुई है।

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