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नवरात्रि के तीसरे दिन कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा? जानें पूरी विधि, मंत्र और धार्मिक महत्व

फोटो- सोशल मीडिया

सनातन परंपरा में नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप यानि मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है. इस दिन देवी के साधक जप, व्रत आदि नियमों का पालन करते हुए मां चंद्रघंटा की विधि​-विधान से पूजा करते हैं. देवी चंद्रघंटा के माथे पर आधे चंद्रमा के आकार का घंटा लटका है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी चंद्रघंटा का स्वरूप मनोरम और शांतिप्रद है. मां चंद्रघंटा की नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा करने से व्यक्ति को दिव्य वस्तुओं की प्राप्ति होती है. आइए माता चंद्रघंटा की पूजा की विधि और मंत्र के बारे में विस्तार से जानते हैं. 


मां चंद्रघंटा की पूजन सामग्री 

- मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र
- घी, पवित्र जल (गंगाजल), दूध और शहद

- फूल (विशेषकर पीले और चमेली के), सिंदूर और चंदन

- धूप, दीप और घंटा

- मिठाइयां (खीर, दूध से बनी मिठाइयां)

- 5 तरह के फल

- नारियल, पान और पान जैसे प्रसाद



मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

1. सुबह जल्दी उठें और स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. 

2. देवी की पूजा ईशान कोण में स्वच्छ और पवित्र स्थान पर करें. 

3. पूजा की शुरुआत में सबसे पहले देशी घी का दीया जलाएं. उसके बाद फल-फूल, धूप-दीप और भोग आदि अर्पित करें.  

4. हिंदू मान्यता के अनुसार माता को लाल रंग प्रिय है. ऐसे में शुभता के लिए मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें तथा खीर का भोग लगाएं. 

5. मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए मां चंद्रघंटा के मंत्र का जाप और दुर्गा सप्तशती या फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

6. शाम को भी पूजा करें और मां दुर्गा की आरती का पाठ करें,



मां चंद्रघंटा का मंत्र

मां चंद्रघंटा की पूजा में साधक को रुद्राक्ष की माला से 'ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः' या फिर 'ॐ श्रीं हीं क्लीं चंद्र घंटाये: नम:' मंत्र का अधिक से अधिक जप करना चाहिए. 


मां चंद्रघंटा की पूजा का धार्मिक महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा भय को दूर करने और साहस की प्राप्ति के लिए की जाती है. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक को अपने शत्रुओं पर विजय पाने का आशीर्वाद मिलता है. नवरात्रि के तीसरे की यह पूजा सभी बाधाओं को दूर करे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाली मानी गई है. 


मां चंद्रघंटा का मंत्र-

1. ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः।

2. या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।


मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा को खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पंचामृत, चीनी व मिश्री भी अर्पित कर सकते हैं।

मां चंद्रघंटा का प्रिय पुष्प: मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है।

मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग: मां चंद्रघंटा की पूजा में सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना गया है।



मां चंद्रघंटा की आरती:

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती।

चंद्र तेज किरणों में समाती। क्रोध को शांत करने वाली।

मीठे बोल सिखाने वाली।

मन की मालक मन भाती हो।

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

सुंदर भाव को लाने वाली।

हर संकट मे बचाने वाली।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।

शीश झुका कहे मन की बाता।

पूर्ण आस करो जगदाता।

कांची पुर स्थान तुम्हारा।

करनाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटू महारानी।

भक्त की रक्षा करो भवानी।

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