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फोटो- सोशल मीडिया |
मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई विरार क्षेत्र में मंगलवार-बुधवार (26-27 अगस्त) की रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक चार मंजिला रिहायशी बिल्डिंग अचानक ढह गई। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। राहत और बचाव कार्य में जुटी नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीमें मलबे से और शवों को निकालने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया और राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
हादसे की भयावहता: मलबे में कई लोग दबे
वसई विरार की रमाबाई अपार्टमेंट नामक चार मंजिला इमारत में रात के वक्त अचानक हुआ यह हादसा क्षेत्रवासियों के लिए किसी बुरे अनुभव से कम नहीं था। हादसा इतना भयंकर था कि बिल्डिंग का पिछला हिस्सा पूरी तरह से ढहकर बगल की खाली इमारत पर गिर गया। इस घटना के दौरान इमारत में 20 से 25 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई गई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे से छह शवों को बाहर निकाला गया, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पतालों में इलाज के दौरान कुछ और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 17 तक पहुंच गई।
मलबे में और लोग दबे होने की आशंका को देखते हुए NDRF की टीम ने लगातार बचाव कार्य जारी रखा है। लेकिन हादसे के दौरान इमारत एक संकरी गली में स्थित थी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। गाड़ियों और एंबुलेंस का मलबे तक पहुंचना मुश्किल था, जिसके कारण मैन्युअल तरीके से मलबे को हटाने का काम किया गया।
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फोटो- सोशल मीडिया |
मुख्यमंत्री फडणवीस का मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दुखद हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की। साथ ही, उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया। इसके साथ ही, घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता देने का निर्देश भी उन्होंने अधिकारियों को दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को पूरी मदद का भरोसा दिलाया।
इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ कर दिया है और अस्थायी रूप से चंदनसर समाजमंदिर में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शरण दी है। उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं।
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बिल्डिंग का अवैध निर्माण, पुलिस ने किया बिल्डर को गिरफ्तार
पालघर के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हादसे के बाद जांच में यह सामने आया कि रमाबाई अपार्टमेंट की यह चार मंजिला इमारत अवैध थी। इमारत का निर्माण 2012 में हुआ था और यह वसई विरार महापालिका (VVMC) के नियमों के खिलाफ था। इसके अलावा, यह भी पता चला कि इमारत का पिछला हिस्सा बगल की खाली इमारत पर गिरा था, जिससे और भी भारी नुकसान हुआ।
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल जांच शुरू की और इमारत के बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में अब तक सात मृतकों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें आरोही ओंकार जोविल (24), उनकी एक वर्षीय बेटी उत्कर्षा जोविल, लक्ष्मण किस्कू सिंह (26), दिनेश प्रकाश सपकाल (43), सुप्रिया निवालकर (38), अर्नव निवालकर (11) और पार्वती सपकाल शामिल हैं।
अवैध निर्माण पर प्रशासन की सख्ती
इस घटना के बाद से अब यह साफ हो गया है कि अवैध निर्माण की वजह से ही इस प्रकार के हादसे हो रहे हैं। वसई विरार महापालिका (VVMC) के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की है कि रमाबाई अपार्टमेंट का निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के हुआ था। इमारत के ढहने के कारण अब प्रशासन ने अवैध निर्माण पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। इससे पहले भी इलाके में कई अवैध इमारतें बन चुकी हैं, लेकिन इस हादसे ने अब प्रशासन को और भी सतर्क कर दिया है।
मलबे में फंसे लोगों के लिए बचाव कार्य जारी
हादसे के बाद मलबे में कुछ और लोग दबे हो सकते हैं, जिसे देखते हुए एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह से तत्पर है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि मलबे से और शवों को निकालने का काम जारी है। फिलहाल मलबा हटाने का काम बहुत धीमी गति से हो रहा है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही और लोगों को बचाया जा सकेगा। गनीमत रही कि जिस चॉल पर यह इमारत गिरी, वह पहले से ही खाली थी। इसके बावजूद प्रशासन ने आसपास की चॉल को खाली करा लिया और वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया।
आगे की जांच और भविष्य में कदम
पालघर के जिलाधिकारी इंदु रानी जाखड़ ने घटनास्थल का दौरा किया और मलबे में और शव दबे होने की आशंका जताई। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों, इसके लिए व्यापक जांच और कार्रवाई की जाएगी। आगे की जांच में इमारत के निर्माण के दौरान हुई गड़बड़ियों और कागजी अनियमितताओं की भी जांच की जाएगी।
विरार जैसी घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध निर्माण पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह के भयानक हादसे का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, सरकार और प्रशासन को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
विरार में हुए इस भयंकर हादसे ने न केवल उन परिवारों की जिंदगी बदल दी है, बल्कि समाज और प्रशासन को भी यह सीख दी है कि अवैध निर्माणों पर सख्त नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुआवजा देने का ऐलान और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम इस बात का संकेत हैं कि सरकार इस हादसे को लेकर गंभीर है। हालांकि, इस दुखद घटना से प्रभावित परिवारों के लिए यह वक़्त बेहद कठिन है, लेकिन सरकार और प्रशासन का सहयोग उन्हें इस कठिन घड़ी में कुछ राहत जरूर प्रदान करेगा।
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