नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक बड़े फैसले को पलटते हुए राजधानी के विधायकों के लिए एलएडी (विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास) फंड में भारी कटौती कर दी है। अब प्रत्येक विधायक को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सिर्फ ₹5 करोड़ ही मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि ₹15 करोड़ थी। इस निर्णय से सरकार को सालाना लगभग ₹700 करोड़ की बचत होगी।
दिल्ली में कुल 70 विधायक हैं, जिन्हें पहले केजरीवाल सरकार ने ₹15 करोड़ प्रति वर्ष का फंड आवंटित किया था। यह वृद्धि पिछले वर्ष अक्टूबर में की गई थी, जब आम आदमी पार्टी की सरकार ने एलएडी कोष ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹15 करोड़ किया था। विधायकों ने लंबे समय से अधिक फंड की मांग की थी, जिसे केजरीवाल सरकार ने मंजूरी दी थी।
अब रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली नई सरकार ने इसे घटाकर ₹5 करोड़ करने का निर्णय लिया है। शहरी विकास विभाग ने इस बदलाव को लेकर एक नया आदेश जारी कर दिया है, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगा। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी दिल्ली कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति मिलनी बाकी है।
सरकार के अनुसार, यह निर्णय राजकोषीय अनुशासन और बजट प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह फंड अब अधिक जरूरी क्षेत्रों और बुनियादी सेवाओं पर केंद्रित किया जाएगा।
इस फैसले से जहां सरकारी खजाने को राहत मिलेगी, वहीं विपक्ष और कुछ विधायकों ने इसे जनविकास कार्यों के लिए बाधा बताया है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर आने वाले समय में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो सकती है।
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